- महिला आरक्षण बिल पर उमा भारती का पत्र वायरल होने से वो हो गया हैं जो शायद बीजेपी ने कभी सोचा नहीं या कभी चाहा नहीं था इस पत्र से उमा भारती ने ये जाहिर कर दिया की मोदी सरकार के पहले भी दूसरे दलों की सरकार में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा होती रही हैं और उसे पास करने की कोशिशें भी हो चुकी हैं. ये भी साफ हो गया जिन बिंदुओं पर आकर पहले ये वित अटकता रहा वो खामियां या कमियां अब भी दूर नहीं हुई हैं. दिलचस्प बात ये हैं कि उमा भारती ने इस पूरी घटना का जिक्र बिल पेश होने से पहले ही टूट्विटर कर दिया जिसकी वजह से विपक्षियों को होमवर्क कम करना पड़ा और लाइन भी ठोस मिल गई.
- महिला आरक्षण बिल पास होगा या नहीं होगा ये बाद का मसला है. फिलहाल जो दल महिला हितैषी होने का दावा करते हैं, वो इतना तो कर ही सकते हैं कि बिना बिल पास हुए भी रिजर्वेशन को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को टिकट दें. लेकिन ये इतना आसान है नहीं खासतौर से चुनाव के मुहाने पर खड़े राज्यों में जहां सालभर पहले से सर्वे हो चुके हैं और उम्मीदवारों का चयन तकरीबन पूरा हो चुका है, खुद बीजेपी ही अपनी एक लिस्ट जारी कर चुकी है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में खुद बीजेपी ही महिला आरक्षण पर आगे नहीं बढ़ सकती. अब लोकसभा चुनाव में पार्टी का रुख साफ करेगा कि महिला आरक्षण को लेकर कौन कितना गंभीर हैं.
द सूत्र